शब्द ब्रह्म है। भारतीय दर्शकों में शब्द को उत्तम प्रमाण माना गया है। इस संदर्भ में एक अत्यंत प्रचलित कथा का उल्लेख करना यहां युक्तिसंगत होगा। कथा इस प्रकार है — दस व्यक्तियों ने बरसाती नदी पार की। पार पहुँचने पर यह जांचने के लिए कि दसों ने नदी पार कर ली है, कोई नदी में डूब तो नहीं गया, एक ने गिनना शुरू किया।
उसके अनुसार उनका एक साथी नदी में बह गया था। एक-एक करके सभी ने गिनती की, प्रत्येक का यही मानना था कि कोई बह गया है। सभी उस दसवें व्यक्ति के लिए रोने और विलाप करने लगे। वहाँ से गुज़र रहे एक बुद्धिमान व्यक्ति ने जब उनसे रोने तथा विलाप करने का कारण पूछा, तो उन्होंने सारी बात कह सुनाई। उस व्यक्ति ने उनको एक पंक्ति में खड़ा होने को कहा। जब सब पंक्ति में खड़े हो गए, तब उनमें से एक को बुलाकर उससे गिनने को कहा। उस व्यक्ति ने नौ तक गिनती गिनी और चुप हो गया।
तब आगन्तुक ने कहा दसवें तुम हो’ इतना सुनते ही सारा रोना-विलाप करना अपने आप, बिना किसी प्रयास के समाप्त हो गया। आगंतुक ने क्या किया ? उसके शब्दों ने ही रोने-बिलखने को विदाई दिलवा दी।
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