Wednesday, 5 August 2015

माँ का दूध अमृत समान है

नवजात शिशुओं के लिए माँ का दूध अमृत के समान है। माँ का दूध शिशुओं को कुपोषण व अतिसार जैसी बीमारियों से बचाता है। रोग प्रतिरोधात्मक शक्ति नए जन्मे हुए बच्चे में नहीं होती है। यह शक्ति माँ के दूध से शिशु को हासिल होती है क्योंकि माँ के दूध में `लेक्टोफोर्मिन' नामक तत्त्व होता है, जो बच्चे की आंत में लौह तत्त्व को बांध लेता है और लौह तत्त्व के अभाव में शिशु की आंत में रोगाणु पनप नहीं पाते। माँ का दूध जिन बच्चों को बचपन में पर्याप्त रूप से पीने को नहीं मिलता, उनमें बचपन में शुरू होने वाली मधुमेह की बीमारी अधिक होती है। बुद्धि का विकास उन बच्चों में दूध पीने वाले बच्चों की अपेक्षाकृत कम होता है।
माताओं में स्तनपान के प्रति चेतना जागृत करने,  उन्हें शिशुओं को जन्म से छ: माह तक  मात्र  अपना दूध पिलाने के लिए पुरे देश में अगस्त के प्रथम सप्ताह को स्तनपान सप्ताह के रूप में मनाया जा रहा है  क्योंकि स्तनपान को बढ़ावा देकर ना सिर्फ शिशु मृत्यु दर में कमी लाई जा सकती है बल्कि यह उनके संरक्षण और संवर्धन का भी कार्य करता है। आश्वस्त हूँ कि हमारी मातृशक्ति अपने शिष्यों के दीर्घ एवं स्वस्थ्य  जीवन के लिए स्तनपान को अधिक से अधिक संख्या  अपनाएंगी।

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