Monday, 14 September 2015

हम समय समय पर अपना आत्म निरिक्षण करें 

एक छोटा सा लड़का जो कि लगभग ११-१२ वर्ष का रहा होगा ,एक दवाई कि दुकान में गया और उसके मालिक से एक फ़ोन मिलाने कि आज्ञा ली.फिर उसने एक बड़ा सा बक्सा खिसकाया और उस पर चढ़ गया जिससे कि वह ऊपर रखे हुए फ़ोन तक पहुँच सके।  दुकान का मालिक चुपचाप उस लड़के कि बातचीत सुनने लगा। .बालक ने एक महिला को फ़ोन मिलाया और बोला -  " क्या आप मुझे अपना बगीचा और लॉन काटने का काम दे सकती हैं ?"
इस पर वह महिला फ़ोन के दूसरी ओर से बोली ," मेरे लॉन कि  कटाई का काम पहले से कोई कर रहा है . बालक , " किन्तु ,मैं आपके लॉन कि कटाई का काम उससे आधे दाम पर करने के लिए तैयार हूँ ."
महिला , " जो लड़का मेरे लॉन की कटाई का काम कर रहा है , मैं उसके काम से पूरी तरह संतुष्ट हूँ . "
 इस पर वह  बालक ओर अधिक निश्चय पूर्वक बोला , " मैं आप के लॉन के  चारों  ओर का रास्ता भी साफ़ कर दिया करूँगा  और और आपके  घर के बाहर    के शीशे  भी साफ़ कर दिया करूंगा ." महिला बोली ," नहीं , मुझे किसी की  आवश्यकता नहीं है ,धन्यवाद ," यह सुन कर वह  बालक मुस्कुराया,  उसने फोन रख दिया ."
दुकान का मालिक जो कि उस लड़के कि बातचीत  सुन रहा था , उसकी ओर आया ओर बोला ,"बेटा ,मुझे तुम्हारा आत्मविश्वास और सकारात्मक दृष्टिकोण देख कर बहुत  अच्चा लगा।  मुझे तुम्हें नौकरी पर रख कर वास्तव में ख़ुशी होगी। क्या तुम मेरे लिए काम करना पसंद करोगे ? इस पर वह  बालक बोला, "धन्यवाद, पर मैं कोई नौकरी नहीं करना चाहता ." 
दुकान का मालिक बोला," लेकिन , बेटा तुम तो अभी-अभी फोन पर नौकरी के लिए गिडगिडा रहे थे ." इस पर बालक बोला," नहीं महोदय , मैं तो केवल  अपनी कार्यकुशलता का परीक्षण  कर रहा था,. दरअसल , जिस महिला को मैंने फोन किया था मैं उसी के लिए कार्य करता हूँ  ."
वह आगे बोला," और उससे बात करने के पश्चात  यह जान कर मुझे बहुत अधिक आत्मसंतोष मिल रहा है कि वह महिला मेरे कार्य से पूर्ण रूप से संतुष्ट है  ."
उस  छोटे से बालक की कहानी से हम सभी को समय समय पर अपना आत्म निरीक्षण करने की प्रेरणा लेनी चाहिए।

0 comments:

Post a Comment

Total Pageviews