उरी में हुए आतंकी घटना में 18 भारतीय सेना के जवानों की शहादत ने एक बार पुनः पुरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस घटना से पुरे देश में आक्रोश व्याप्त है। पर इस तरह की घटनाएं देश में पहली बार नहीं हुई है। आतंकियों द्वारा इस तरह की घटनाओं को अंजाम देने के बाद हमने हर बार इसकी तीव्रतम भर्त्सना की है, पाकिस्तान से इन आतंकियों के विरुद्ध कार्रवाई करने की माँग की पर हमारा पडोसी है कि हर बार हमारी मांगों को अनसुना करता रहा है। अब समय आ गया है हम सब आतंक के विरुद्ध अंतिम लड़ाई लड़ें और आतंकवाद को पनाह देने वाले देशों को सामाजिक एवं आर्थिक रूप से बहिस्कृत करें और इन देशों को हथियारों का सप्लाई करना बंद कर दें।
सिर्फ भारत ही नहीं, विश्व का कमोवेश अधिकांश देशों के साथ साथ विकसित देश चाहे वह ब्रिटेन हो, फ्रांस, अमेरिका या फिर मध्य पूर्व खाड़ी का देश, आतंकवाद की घटनाओं से अछूता नहीं है, । धर्म एवं जेहाद के नाम पर विश्व को आतंकित करना बंद होना चाहिए। अगर हम वैश्विक स्तर पर इस्लामिक आतंकवाद के पैदा होने और पनपने के कारणों की विवेचना करें तो हममें से कुछ लोग मानते हैं जेहादी आतंक गरीबी की वजह से फलता-फूलता है, किन्तु यह पूर्ण यथार्थ नहीं हो सकता।
इन धर्म एवं जिहाद के नाम पर आतंक फ़ैलाने वाले के कारण, पुरे विश्व में मुस्लिम समुदाय की छवि धूमिल हो रही है। आवश्यकता है हमारा मुस्लिम समाज चाहे वह दुनिया के किसी भी देश में हो, इन धर्म एवं जेहाद के नाम पर आतंक फैलाने वाले के विरुद्ध एक जुट हो। मैं समझता हूँ पुरे विश्व में अन्याय एवं आतंक को ख़त्म करने के लिए आध्यात्म सबसे बड़ा अस्त्र साबित हो सकता है। आज आवश्यकता है कि हम पुरे विश्व में इस तरह की कुत्सित मानसिकता से ग्रसित लोगों के मन में पल रहे धार्मिक कट्टरता, निर्दयता, हिंसा की भावना को आध्यात्म के माध्यम से नष्ट करें। जब तक यह कार्य नहीं किया जाएगा तब तक आतंकवाद का सिलसिला थमने वाला नहीं है। मात्र सेना, पुलिस और क़ानून की मदद से आतंकवाद को रोकना असंभव है। हमें सम्पूर्ण विश्व को आतंक से मुक्त करने के लिए आध्यात्मिक एवं वैचारिक क्रांति फैलानी होगी और इस तरह के क्रांति का प्रसार करने के लिए हर बुद्धिजीवियों, संतों, आध्यात्मिक गुरुओं को आगे आना होगा। हमारा ट्रस्ट और मैं स्वयं अपने स्तर पर समाज में आध्यात्मिक क्रांति का प्रसार करने में संलग्न हूँ। हमारे ट्रस्ट द्वारा स्थापित कारगिल स्मारक, भारत माता मंदिर, वंदे मातरम् फाउंडेशन, मानवता सेवा सम्मान पुरस्कार समाज में आध्यात्मिकता, सकारात्मकता, एकता फ़ैलाने का एक सार्थक प्रयास है।
इन धर्म एवं जिहाद के नाम पर आतंक फ़ैलाने वाले के कारण, पुरे विश्व में मुस्लिम समुदाय की छवि धूमिल हो रही है। आवश्यकता है हमारा मुस्लिम समाज चाहे वह दुनिया के किसी भी देश में हो, इन धर्म एवं जेहाद के नाम पर आतंक फैलाने वाले के विरुद्ध एक जुट हो। मैं समझता हूँ पुरे विश्व में अन्याय एवं आतंक को ख़त्म करने के लिए आध्यात्म सबसे बड़ा अस्त्र साबित हो सकता है। आज आवश्यकता है कि हम पुरे विश्व में इस तरह की कुत्सित मानसिकता से ग्रसित लोगों के मन में पल रहे धार्मिक कट्टरता, निर्दयता, हिंसा की भावना को आध्यात्म के माध्यम से नष्ट करें। जब तक यह कार्य नहीं किया जाएगा तब तक आतंकवाद का सिलसिला थमने वाला नहीं है। मात्र सेना, पुलिस और क़ानून की मदद से आतंकवाद को रोकना असंभव है। हमें सम्पूर्ण विश्व को आतंक से मुक्त करने के लिए आध्यात्मिक एवं वैचारिक क्रांति फैलानी होगी और इस तरह के क्रांति का प्रसार करने के लिए हर बुद्धिजीवियों, संतों, आध्यात्मिक गुरुओं को आगे आना होगा। हमारा ट्रस्ट और मैं स्वयं अपने स्तर पर समाज में आध्यात्मिक क्रांति का प्रसार करने में संलग्न हूँ। हमारे ट्रस्ट द्वारा स्थापित कारगिल स्मारक, भारत माता मंदिर, वंदे मातरम् फाउंडेशन, मानवता सेवा सम्मान पुरस्कार समाज में आध्यात्मिकता, सकारात्मकता, एकता फ़ैलाने का एक सार्थक प्रयास है।
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