Thursday, 8 September 2016

सूर्योदय परिवार द्वारा समाज में साक्षरता बढ़ाने के लिए सार्थक प्रयास

दुनिया में शिक्षा और ज्ञान बेहतर जीवन जीने के लिए ज़रूरी माध्यम है।जीवन में शिक्षा एवं साक्षरता का बहुत महत्व है।  साक्षरता का तात्‍पर्य सिर्फ़ पढ़ना-लिखना ही नहीं बल्कि यह सम्मान, अवसर और विकास से जुड़ा विषय है। वर्तमान में भारत में साक्षरता दर वर्ष 2011 के जनगणना के अनुसार 75.06% है, जो  विश्व की साक्षरता दर 84% से कम है।  यद्द्यपि हमारे देश में केंद्र एवं राज्य स्तर सरकारों द्वारा साक्षरता की दर को बढ़ाने के लिए पिछले कुछ वर्षों में काफी सराहनीय प्रयास किये गए हैं, पर सच यह है कि भारत में अभी भी संसार की सबसे अधिक अनपढ़ जनसंख्या निवास करती है| हमें इस `कलंक' को सामूहिक प्रयास से ख़त्म करना होगा।  इसके लिए आवश्यक है पुरुषों  के साथ-साथ महिलाओं में साक्षरता की दर को तीव्र गति से बढ़ाना। 
हमारे देश में जहाँ पुरुषों की साक्षरता दर 82.14 है वहीं महिलाओं में इसका प्रतिशत मात्र 65.46 प्रतिशत है।  महिलाओं में कम साक्षरता का कारण अधिक आबादी और परिवार नियोजन की जानकारी की कमी है। मुझे यह कहते हुए अत्यंत हर्ष हो रहा है कि हमारा ट्रस्ट एवं सूर्योदय परिवार समाज में, विशेष कर गरीबों, पारितज्य। महिलाओं एवं समाज के सबसे नीचे तबकों में साक्षरता को प्रोत्साहन देने के लिए विभिन्न स्तरों पर कार्य कर रहा है। आज हमारा ट्रस्ट अपने उपलब्ध संसाधनों के माध्यम से  मध्य प्रदेश  एवं महाराष्ट्र के विभिन्न क्षेत्रों में विद्यालयों की स्थापना कर  हज़ारों गरीब तबकों, सूखा एवं आत्महत्या ग्रस्त किसानों, कैदियों, पारधी समाज एवं अनाथ बच्चों को शिक्षित कर ना सिर्फ उन्हें संस्कारित कर रहा है बल्कि उन्हें आर्थिक रूप से आत्म निर्भर भी बना चूका है।  इसके आलावा छात्रवृति योजना के माध्यम से भी लाखों गरीब परिवारों के बच्चों को  आर्थिक सहायता प्रदान कर, स्टेशनरी, मुफ्त किताबों का वितरण कर उन्हें अपनी स्कूली शिक्षाओं को जारी रखने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है।      

आज विश्व साक्षरता दिवस पर में प्रत्येक देशवासियों से अपील करता हूँ कि वो अपने पुत्रों के साथ अपनी पुत्रियों को आवश्यक रूप से ना सिर्फ साक्षर बनाएं बल्कि उसे शिक्षा प्राप्त कर आत्मनिर्भर बनने का  प्रचुर अवसर दें और उसके सपनों एवं महत्वकाँछों को साकार करने में पूर्ण सहयोग दें।

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