Saturday, 14 November 2015

मन के हारे हार है, मन के जीते जीत

कैंसर को विश्व की सबसे भयानक बीमारी कहा जाता है, लेकिन विश्व की सबसे खतरनाक बीमारी कैंसर नहीं बल्कि तनाव या चिंता है| कैंसर के कारण हर वर्ष लाखों लोगों की मृत्यु हो जाती है लेकिन तनाव एक ऐसी बीमारी है, जो जीवित व्यक्ति को जिन्दा लाश बना देती है| ऐसा कहा जाता है कि 80% से ज्यादा बिमारियों का कारण तनाव है  व्यक्ति भले ही शारीरिक रूप से असक्षम या बीमार हो लेकिन मानसिक रूप से स्वस्थ है तो उसे कोई नहीं हरा सकता| ऐसे कई प्रेरक व्यक्तित्व हैं जिन्होंने अपने सकारात्मक मानसिक स्वास्थ्य एंव आत्मविश्वास की बदौलत जिंदगी को जीत लिया|विल्मा रूडोल्फ जिन्हें चार वर्ष की उम्र में पोलियो हो गया था और डॉक्टरों ने कह दिया था कि वह कभी भी चल नहीं पायेगी लेकिन वह विश्व की सबसे तेज धावक बनी| स्टीफन हाकिंग जिन्हें 21 वर्ष की उम्र में  एमीयोट्रोफिक लेटरल क्लोरोसिस रोग हो गया था और डॉक्टर ने यह कह दिया था कि हाकिंग दो वर्ष से ज्यादा समय तक जीवित नहीं रह पाएंगे लेकिन हाकिंग ने मौत को मात दे दी | दिमाग को छोड़ कर शेष सारे शरीर के निष्क्रिय हो जाने के बावजूद उन्होंने अपना शोध जारी रखा और आज वे विश्व के महान वैज्ञानिकों में से एक है। हरफनमौला क्रिकेटर युवराज सिंह जिन्हें कैंसर हो गया था लेकिन उन्होंने जल्द ही कैंसर को मात दे दी और क्रिकेट में वापसी कर ली|
अगर स्टीफन हाकिंग, विल्मा रूडोल्फ एंव युवराज सिंह जैसे लोग इस बात के गवाह हैं कि अगर आप सकारात्मक सोचते है और स्वंय पर विश्वास रखते है तो आपके लिए “असंभव कुछ भी नहीं” 

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