हमारे जीवन के छोटे से छोटे कार्य भी हमारे जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसीलिए कहा जाता है कि आप जब भी किसी से मिलें, पूरी उत्साह एवं गर्मजोशी से मिलें, हमेशा दूसरों की मदद करें और जो काम करें पूरी ईमानदारी के साथ, फिर जीवन में मुश्किल से मुश्किल घड़ियों में भी आपके लिए नए-नए रास्ते स्वतः खुलते चले जाएंगे। आपका व्यव्य्हार आपके जीवन में किस तरह सक्कारात्मक बदलाव ला सकती है इसके लिए में आपको एक कहानी सुनाता हूँ। यह कहानी एक ऐसे व्यक्ति की है जो एक फ्रीजर प्लांट में कार्य करता था। दिन का अंतिम समय था और सभी लोग घर जाने को तैयार थे। तभी प्लांट में एक तकनीकी समस्या उत्पन्न हो गयी। प्लांट का वह कर्मचारी प्लांट में उत्पन्न तकनिकी समस्या को दूर करने में जुट गया। जब तक वह कार्य पूरा करता, तब तक अत्यधिक देर हो गयी। लाईटें बुझा दी गईं, दरवाजे सील हो गये और वह उसी प्लांट में बंद हो गया। बिना हवा व प्रकाश के पूरी रात आइस प्लांट में फंसे रहने के कारण उसकी कब्रगाह बनना तय था।
लगभग आधा घण्टे का समय बीत गया। तभी उसने किसी को दरवाजा खोलते पाया। क्या यह एक चमत्कार था? उसने देखा कि दरवाजे पर सुरक्षा टार्च लिए खड़ा है। उसने उसे बाहर निकलने में मदद की।बाहर निकल कर उस व्यक्ति ने सुरक्षा गार्ड से पूछा "आपको कैसे पता चला कि मै भीतर हूँ?" गार्ड ने उत्तर दिया- "सर, इस प्लांट में 50 लोग कार्य करते हैँ पर सिर्फ एक आप हैँ जो मुझे सुबह आने पर `हैलो' व शाम को जाते समय `बाय' कहते हैँ। आज सुबह आप ड्यूटी पर आये थे पर शाम को आप बाहर नहीं गए। इससे मुझे शंका हुई और मैं देखने चला आया।''
वह व्यक्ति नहीं जानता था कि उसका किसी को छोटा सा सम्मान देना कभी उसका जीवन बचाएगा। इस कथा का सार यह है कि जब भी आप किसी से मिलें तो उसका गर्मजोशी और मुस्कुराहट के साथ सम्मान करें। हमें नहीं पता, पर हो सकता है कि ये आपके जीवन में भी चमत्कार दिखा दे।
लगभग आधा घण्टे का समय बीत गया। तभी उसने किसी को दरवाजा खोलते पाया। क्या यह एक चमत्कार था? उसने देखा कि दरवाजे पर सुरक्षा टार्च लिए खड़ा है। उसने उसे बाहर निकलने में मदद की।बाहर निकल कर उस व्यक्ति ने सुरक्षा गार्ड से पूछा "आपको कैसे पता चला कि मै भीतर हूँ?" गार्ड ने उत्तर दिया- "सर, इस प्लांट में 50 लोग कार्य करते हैँ पर सिर्फ एक आप हैँ जो मुझे सुबह आने पर `हैलो' व शाम को जाते समय `बाय' कहते हैँ। आज सुबह आप ड्यूटी पर आये थे पर शाम को आप बाहर नहीं गए। इससे मुझे शंका हुई और मैं देखने चला आया।''
वह व्यक्ति नहीं जानता था कि उसका किसी को छोटा सा सम्मान देना कभी उसका जीवन बचाएगा। इस कथा का सार यह है कि जब भी आप किसी से मिलें तो उसका गर्मजोशी और मुस्कुराहट के साथ सम्मान करें। हमें नहीं पता, पर हो सकता है कि ये आपके जीवन में भी चमत्कार दिखा दे।
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