अग्रवालों के कुलपिता महाराजा अग्रसेन की आज जयंती है। इस अवसर पर सारे विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। जैसा की वर्णित है महाराजा अग्रसेन का जन्म प्रतापनगर (राजस्थान) में सूर्यवंशी क्षत्रिय राजा वल्लभ के घर हुआ | वे राजा धनपाल की छठी पीढ़ी में हुए तथा अपने पिता की ज्येष्ठ संतान थे| उनका समय 5000 वर्ष से भी ज्यादा पहले का (महाभारतकालीन) माना जाता है| महाराजा अग्रसेन ने अग्रोहा {हिसार (हरियाणा) से दस किलोमीटर दूर} को अपनी राजधानी बनाया| वर्तमान समय में वहाँ अग्रवालों की कुलदेवी माँ लक्ष्मी का बड़ा सुन्दर मंदिर बनाया गया है जिसे अग्रवालों का शक्तिपीठ कहा जाता है|
महाराजा अग्रसेन को समाजवाद का अग्रदूत कहा जाता है| अपने क्षेत्र में सच्चे समाजवाद की स्थापना हेतु उन्होंने नियम बनाया कि उनके नगर में बाहर से आकर बसने वाले व्यक्ति की सहायता हेतु नगर का प्रत्येक निवासी उसे एक रुपया व एक ईंट देगा, जिससे आसानी से उसके लिए निवास स्थान का प्रबंध हो जाए| महाराजा अग्रसेन का विवाह राजा नागराज की पुत्री माधवी से हुआ तथा उनके 18 पुत्र हुए, जिनके नाम पर वर्तमान में अग्रवालों के 18 गोत्र हैं|
भारत में इस समय ‘अखिल भारतीय अग्रवाल सम्मलेन’, ‘अखिल भारतीय वैश्य महासम्मेलन’ जैसी संस्थाएं व्यापक स्तर पर कार्य कर रही हैं|
आज जब हमारे देश में विभिन्न सम्प्रदायों के लोगों के बीच आपसी विश्वास, सदभाव, भाईचारा का ह्रास हो रहा है, आवश्यकता है की हम सब महाराजा अग्रसेन के कृतित्वों, सद्गुणों का अनुसरण कर देश में आपसी सौहार्द का वातावरण निर्मित करें।
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