Saturday, 3 January 2015

मार्मिक कहानी एक बच्चे और उसके गुड़िया की

 यह कहानी उन लोगो के लिए है जो रफ़्तार को शान समझते है, जो ड्राइविंग के नियमो का पालन करना कमजोर लोगो का काम समझते है, यह कहानी है एक ऐसे बच्चे की कि किस तरह वो शराब के नशे में बहके एक युवक की उदण्डता से अपनी माँ एवं बहन को सड़क दुर्घटना में खोकर अनाथ हो गया। आश्वस्त हूँ यह कहानी अवश्य ही आपको प्रेरित करेगी इस नए साल 2015  में एक `संकल्प' लेने  के लिए।  आपसे विनम्र आग्रह है अपने संकल्प से हमें अवश्य अवगत कराएं। 

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कहानी कुछ यूं है -- एक छोटा सा लड़का जिस की उम्र कोई 6 या 7 साल थी. एक खिलोने की दूकान पर खड़ा दुकानदार से कुछ बात कर रहा था, दुकानदार ने न जाने उससे क्या कहा की वो वह से थोडा सा दूर हट गया और वहां से खड़े खड़े वो कभी दुकान पर रखी एक सुन्दर सी गुडिया को देखता और कभी अपनी जेब में हाथ डालता. वो फिर आँख बंद करके कुछ सोचता और फिर दुबारा गुडिया को देखने और अपनी जेब टटोलने का क्रम दुहराने लगता.
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वही कुछ दूर पर खड़ा एक आदमी बहुत देर से उसकी ओर देख रहा था. वो आदमी जैसे ही आगे को बढ़ा वो बच्चा दुकानदार के पास गया और कुछ बोला फिर दुकानदार की आवाज सुनाई पड़ी की नहीं ? तुम ये गुडिया नहीं खरीद सकते क्योकि तुम्हारे पास जो पैसे है वो काफी कम है.
वो बच्चा उस आदमी की और मुड़ा और उसने उस आदमी से पूछा अंकल क्या आपको लगता है की मेरे पास वास्तव में कम पैसे है. उस आदमी ने पैसे गिने और बोला हाँ बेटा ये वास्तव में कम है. तुम इतने पैसो से वो गुडिया नहीं खरीद सकते. उस लड़के ने आह भरी और फिर उदास मन से उस गुडिया को घूरने लगा.
अब उस आदमी ने उस लड़के से पूछा ” तुम ये गुडिया ही क्यों लेना चाहते हो”. लड़के ने उत्तर दिया ये गुडिया मेरी बहन को बहुत पसंद है. और मैं ये गुडिया उसको उसके जन्मदिन पर गिफ्ट करना चाहता हूँ . मुझे ये गुडिया अपनी माँ को देनी है, ताकि वो ये गुडिया मेरे बहन को दे दें जब वो उसके पास जाये.
.उस आदमी ने पूछा कहाँ रहती है तुम्हारी बहन . छोटा लड़का बोला मेरी बहन भगवान के पास चली गयी है और पापा कहते है जल्दी ही मेरी माँ भी उससे मिलने भगवान के पास जाने वाली है। मैं  चाहता हूँ  की मेरी माँ जब भगवान के पास जाये तो वो ये गुडिया मेरी बहन के लिए ले जाये. उस व्यक्ति की आखों से आँसूं छलकने लगे थे. पर लड़का अभी बोल ही रहा था. `मैं पापा से कहूँगा कि वो माँ को कहे की कुछ और तक दिन भगवान के पास न जाये. ताकि मै कुछ और पैसे जमा कर लूँ और ये गुडिया लेकर अपनी  बहन के लिए भेज दूँ।  फिर उसने अपनी एक फोटो जेब से निकली इस फोटो में वो हँसता हुआ बहुत सुन्दर दिख रहा था.
.फोटो दिखाकर वो बोला ये फोटो भी मै अपनी माँ को दे दूंगा, ताकि वो इसे भी मेरी बहिन को दे ताकि वो हमेशा मुझे याद रख सके…………. मै जानता हूँ कि मेरी माँ इतनी जल्दी मुझे छोड़ कर मेरी बहन से मिलने नहीं जाएगी. लेकिन पापा कहते है की वो 2 -1 दिन में चली जाएगी.
उस आदमी ने झट से अपनी जेब से पर्स निकला और उसमे से एक 100 रुपए का नोट निकल कर कहा……….. लाओ अपने पैसे दो मैं दुकानदार से कहता हु शायद वो इतने पैसे में ही दे दे. और उसने उस लड़के के सामने रुपये गिनने का अभिनय किया और बोला…….. अरे तुम्हारे पास तो उस गुडिया की कीमत से अधिक पैसे हैं।  उस लड़के ने आकाश की ओर देख कर कहा भगवान तेरा धन्यवाद….
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अब वो लड़का उस आदमी से बोला कल रात को मैंने भगवान से कहा था कि  हे भगवान मुझे इतने पैसे दे देना की मैं वो गुडिया ले सकूँ।  वैसे मै एक सफ़ेद गुलाब भी लेना चाहता था किन्तु भगवान से ज्यादा माँगना मुझे ठीक नहीं लगा. पर उसने मुझे खुद ही इतना दे दिया की मैं  गुडिया और गुलाब दोनों ले सकता हूँ . मेरी माँ को सफ़ेद गुलाब बहुत पसंद है.
.उस व्यक्ति की आँखों से आँसूं नीचे गिरने लगे. अपने आँसूं को पोंछते  हुए उसने हुए उस लड़के से कहा ठीक है बच्चे अपना ख्याल रखना. और वो वहाँ  से चला गया. रस्ते भर उस व्यक्ति के मानस पटल पर उस छोटे से बच्चे  की यादें घुमरती रही। फिर अचानक उसे दो  दिन पहले अख़बार में छपी खबर याद आयी जिसमें एक सडक हादसे की समाचार छपी  थी की किस   तरह शराब के नशे में एक युवक ने एक दूसरी गाड़ी को टक्कर मार दी.
गाड़ी में सवार एक लडकी की मौके पर ही मृत्यु हो गयी और महिला गंभीर रूप से घायल थी।  उसके मन में ख्याल आया कहिं इस सड़क हादसे का सम्बन्ध उस छोटे से बच्चे  से  तो नहीं, कहिं मृतक उसकी  बहन तो नहीं थी ?

अगले दिन अख़बार में खबर आयी की उस महिला की भी मृत्यु  हो गयी है।  समाचार पढ़ते ही वह  व्यक्ति उस मृतक महिला के घर सफ़ेद गुलाब के फूल ले कर गया. उस महिला का शव आँगन में रखा था।  उसके मृत शरीर पर वो सुन्दर सी गुडिया थी जो उस लड़के ने ली थी और उस महिला के एक हाथ में उस लड़के की वो फोटो थी और दुसरे में वो सफ़ेद गुलाब का फूल था.
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वो आदमी रोता हुआ बाहर निकला. उसके मन में एक ही बात थी कि किस तरह शराब के नशे में  चूर एक युवक के कारण  एक छोटा सा बच्चा अपनी माँ और बहन से दूर हो गया, जिन्हें वो बहुत प्यार करता था। 
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इस कहानी को कहते हुए मेरी आँखें नम हो गई  हैं और शायद आपकी भी यह जानकर कि  किस तरह शराब का नशा एक हँसते-खेलते परिवार को तहस- नहस  कर सकता है।  शराब पी कर,  कानों में ईयर फ़ोन लगा  कर गाडी चलाना, ना  सिर्फ  एक अपराध है बल्कि देश में बढ़ते सड़क दुर्घटनाओं से होने वाले असामयिक  मृत्यु का सबसे  बड़ा कारण भी ।  आवश्यकता है हम सब इस कहानी  सीख लें। 

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