सभी के जीवन में एक समय ऐसा आता है जब सभी चीज़ें आपके विरोध में हो रहीं हों | चाहें आप एक प्रोग्रामर हैं या कुछ और, आप जीवन के उस मोड़ पर खड़े होता हैं जहाँ सब कुछ ग़लत हो रहा होता है| अब चाहे ये कोई सॉफ्टवेर हो सकता है जिसे सभी ने रिजेक्ट कर दिया हो, या आपका कोई फ़ैसला हो सकता है जो बहुत ही भयानक साबित हुआ हो |
लेकिन सही मायने में, विफलता सफलता से ज़्यादा महत्वपूर्ण होती है | हमारे इतिहास में जितने भी उद्योगपति, वैज्ञानिक और महापुरुष हुए हैं वो जीवन में सफल बनने से पहले लगातार कई बार असफल हुए हैं | जब हम बहुत सारे कम कर रहे हों तो ये ज़रूरी नहीं कि सब कुछ सही ही होगा| लेकिन अगर आप इस वजह से प्रयास करना छोड़ देंगे तो कभी सफल नहीं हो सकते |
हेनरी फ़ोर्ड, जो अरबपति और विश्वप्रसिद्ध फ़ोर्ड मोटर कंपनी के मलिक हैं, सफल बनने से पहले फ़ोर्ड पाँच अन्य उद्योग में असफल हुए थे | उनकी जगह पर कोई और होता तो असफलता देखकर और कर्ज़ मे डूबने के कारण टूट जाता, लेकिन फ़ोर्ड ने ऐसा नहीं किया और आज एक बिलिनेअर कंपनी के मलिक हैं |
अगर विफलता की बात करें तो थॉमस अल्वा एडिसन का नाम सबसे पहले आता है| लाइट बल्व बनाने से पहले उसने लगभग 1000 विफल प्रयोग किए थे | अल्बेर्ट आइनस्टाइन जो 4 साल की उम्र तक कुछ बोल नहीं पाते थे और 7 साल की उम्र तक निरक्षर थे। लोग उसको दिमागी रूप से कमजोर मानते थे, लेकिन अपनी सिद्धांतों के बल पर वो दुनिया का सबसे बड़े वैज्ञानिक बने |
ज़रा सोचिये अगर हेनरी फ़ोर्ड अपने पांचों प्रयास में असफल होने के बाद निराश होकर बैठ जाता, या एडिसन 999 असफल प्रयोग के बाद उम्मीद छोड़ देता और आईन्टाइन भी खुद को दिमागी कमजोर मान के बैठ जाते तो क्या होता? हम बहुत सारी महान प्रतिभाओं और अविष्कारों से अंजान रह जाते |
सार यह कि असफलता ही हमारे सफलता का मार्ग प्रशस्त करती है।
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