राष्ट्र पिता महात्मा गांधी ने कहा था कि `पृथ्वी हर मनुष्यों के इच्छाओं की पूर्ति करती है, उसके लालचों एवं लिप्साओं को नहीं' . आज के सन्दर्भ में भी गांधी जी का यह कथन उतना ही प्रासंगिक है। पृथ्वी पर मानव सभ्यता के प्रारम्भ से ही, इसका निरंतर दोहन हम अपने हितों के लिए करते आ रहे हैं, पर दुर्भाग्यवश हम सब पृथ्वी को उसका हक़ लौटने के बारे में कभी नहीं सोचते, जिससे कि उसकी सुंदरता, प्राकृतिक छटा एवं पर्यावरण संतुलन हमेशा अक्षुण बनी रहे।
आज `अर्थ ऑवर; हमें अवसर दे रहा है हमारी इस जननी रूपी धरा को इसका हक़ वापस लौटाने का। आइये हम सब आज (28 मार्च, शनिवार ) को अपने अपने घरों में संध्या 8.30 से 9.30 बजे तक बत्तियों एवं सभी बिजली उपकरणों को बंद रखें। हमारा यह प्रयास ना सिर्फ हमारे देश की ऊर्जा को बचाने मददगार होगा बल्कि पृथ्वी के पर्यावरण संतुलन सुरक्षित रखने में सहायक सिद्ध होगा।
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