हमारे देश के शीर्षस्थ साहित्यकारों में से एक मुंशी प्रेमचंद की आज 134वि जयंती है। मुंशी प्रेमचंद ने हमेशा ही आम आदमी, गरीब, शोषित, वंचित और पीड़ित व्यक्तियों की समस्याओं को अपनी कहानियों एवं उपन्यासों का विषय बनाया। उन्होंने अनेकों आदर्शवादी एवं यथार्थवादी उपन्यासों, कहानियों की रचना की जो समाज के तात्कालिक यथार्थ को परिलक्षित करती हैं। गोदान उनके यथार्थवादी उपन्यासों में से एक है जिसमे उन्होंने ग्रामीण भारत की तत्कालीन यथार्थ परिस्थिति का वर्णन किया है। वे सामाजिक क्रांति के समर्थक थे और उन्होंने हमेशा ही अपनी रचनाओं के द्धारा शोषक और शोषित के बीच की खाई को पाटने की कोशिश की। आज मुंशी प्रेमचंद की जयंती के शुभ अवसर पर उन्हें शत-शत नमन।
Thursday, 31 July 2014
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Munshi Premchand Jayanti
हमारे देश के शीर्षस्थ साहित्यकारों में से एक मुंशी प्रेमचंद की आज 134वि जयंती है। मुंशी प्रेमचंद ने हमेशा ही आम आदमी, गरीब, शोषित, वंचित और पीड़ित व्यक्तियों की समस्याओं को अपनी कहानियों एवं उपन्यासों का विषय बनाया। उन्होंने अनेकों आदर्शवादी एवं यथार्थवादी उपन्यासों, कहानियों की रचना की जो समाज के तात्कालिक यथार्थ को परिलक्षित करती हैं। गोदान उनके यथार्थवादी उपन्यासों में से एक है जिसमे उन्होंने ग्रामीण भारत की तत्कालीन यथार्थ परिस्थिति का वर्णन किया है। वे सामाजिक क्रांति के समर्थक थे और उन्होंने हमेशा ही अपनी रचनाओं के द्धारा शोषक और शोषित के बीच की खाई को पाटने की कोशिश की। आज मुंशी प्रेमचंद की जयंती के शुभ अवसर पर उन्हें शत-शत नमन।
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